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September 16, 2024

गुजरात की जनता की समस्याओं और मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री से कुछ सवाल

प्रेस विज्ञप्ति                                                                                                 दि. १६-९-२०२४

माननीय प्रधानमंत्री उनके जन्मदिन की पूर्व संध्या पर जब गुजरात में हैं तब गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं और साथ ही एक जिम्मेदार रचनात्मक विपक्ष के रूप में, गुजरात के लोगों की समस्याओं और मेट्रो रेल परियोजना में हुए करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के बारे में कुछ सवाल पूछते हुए गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री शक्तिसिंह गोहिल ने बताया है कि, २००३ में, अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच तेज़ यात्रा को सक्षम करने के लिए गुजरात इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा मेट्रो रेल परियोजना तैयार की गई थी। जून २००५ में, रु. ४,२९५करोड़ रुपये की परियोजना तैयार कर कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को दी गई। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने बिना किसी देरी के उसी वर्ष कुछ ही हफ्तों में अहमदाबाद गांधीनगर मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी दे दी। ऐसे में सवाल यह है कि २००५ में स्वीकृत मेट्रो रेल परियोजना १९ साल बाद भी कुछ चुनिंदा चरणों में ही क्यों शुरू हो पाई है? रु. ४,२९५करोड़ की परियोजना आज कई गुना महंगी होने का जिम्मेदार कौन? गुजरात में मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी मिलने के कई साल बाद, राजस्थान में जयपुर को मेट्रो रेल परियोजना के लिए मंजूरी मिली, लेकिन कांग्रेस के श्री अशोक गहलोत जी की सरकार ने मात्र ३ साल ८ माह में जयपुर में फेज वन ए-मेट्रो चालु कर दी और उसके बाद अन्य कार्य भी निर्धारित समय में पूरे कर दिये। और राजस्थान की मेट्रो रेल परियोजना में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की केग की कोई रिपोर्ट नहीं आई। उसके सामने गुजरात की मेट्रो रेल परियोजना की ख़राब हालत क्यों?

गुजरात सरकार में से इस्तीफा देने वाले और अदानी कंपनी में मुख्य कार्यकारी के पद पर नियुक्त श्री संजय गुप्ता को मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का चेयरमैन क्यों बनाया गया? गुजरात सरकार के सक्षम अधिकारियों को दरकिनार कर अडानी कंपनी के मुख्य कार्यकारी रहे श्री संजय गुप्ता को मेट्रो रेल परियोजना का अध्यक्ष बनाने के बाद ऑडिटिंग संस्था केग द्वारा ऑडिट किया गया, जिसमें करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। ट्रकों से मिट्टी भरी गई थी ऐसे बिल जहां थे वहां केग ने खुलासा किया कि ट्रकों के जो नंबर थे वह नंबर स्कूटर और रिक्शा के थे और कोई मिट्टी डाली ही नहीं गई थी और करोडों रुपये का भ्रष्टाचार किया गया था। इसके बाद संजय गुप्ता को जेल में डाल दिया गया और बड़ी बहस चल रही है कि संजय गुप्ता को बलि का बकरा बनाया गया था और जेल में किसी तरह उन्हें गंभीर बीमार कर दिया गया था और खराब स्वास्थ्य के कारण जमानत मिलने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। इस प्रकार, यदि बलि का बकरा बनाया गया व्यक्ति मर जाता है, तो सच्चाई कभी सामने नहीं आएगी ऐसी साजिश के कारण श्री संजय गुप्ता की मृत्यु हो गई थी? इस संबंध में निष्पक्ष जांच क्यों नहीं की गई?

दि. ३१-३-२०१६ को विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट में भी मेट्रो रेल के भ्रष्टाचार का खुलासा केग द्वारा हुआ है। इंद्रोडा और चिलोडा में, डीटेईल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मंजूर होने से पहले ही कोन्ट्रेक्ट प्रदान कर दिए गए और ३७३.६२ करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। फिर, डीटेईल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में मेट्रो रेल का पूरा मार्ग बदल दिया गया और परिणामस्वरूप, ३७३.६२ करोड़ रुपये पूरी तरह से बर्बाद हो गए ऐसा केग के रिपोर्ट के बताया गया है। इस प्रकार मेट्रो रेल परियोजना में गुजरात की जनता के करोड़ों रूपये भ्रष्टाचार में खर्च किये गये हैं तब माननीय प्रधानमंत्री सी.बी.आई., ई.डी. या फिर नामदार हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराएंगे?

माननीय प्रधानमंत्री जब गुजरात में है तब गुजरात के बाढ़ प्रभावित लोगों की समस्याओं को लेकर वहां का दौरा करें ऐसा उनसे विशेष अनुरोध है। वड़ोदरा में विश्वामित्री नदी में पानी के प्रवाह को बाधित करने वाले मॉल और इमारतों को ध्वस्त किया जाना चाहिए और पानी के प्रवाह का रास्ता जो पहले ग्रीन जोन था उसे वापस ग्रीन जोन में परिवर्तित किया जाना चाहिए और जोन बदल कर ईमारतें खडी करवाने वाले पदाधिकारियों और अधिकारियों ने जो भ्रष्टाचार किया है उसे वसूल किया जाना चाहिए। कच्छ के अबडासा में रहस्यमय महामारी से हो रही मौतों के बारे में माननीय प्रधानमंत्री जी स्वयं वहां जाकर लोगों की मुलाकात करे ऐसा अनुरोध है। किसानों, छोटे दुकानदारों और जिन लोगों को घरों में भारी नुकसान हुआ है, उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिला ऐसे पैकेज की घोषणा करने के लिए भी माननीय प्रधान मंत्रीजी को अनुरोध सह विनती है।

डॉ.मनीष दोशी

मिडिया कन्वीनर एवं प्रवक्ता

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